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1 may 2021
कोरोना संक्रमित को कब तक होम आइसोलेशन में रखा जाए? एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया से जानें
नई दिल्ली. देश कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर से जूझ रहा है. अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, तो मेडिकल ऑक्सीजन के मारामारी है, लेकिन संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) पर भारी दबाव है और एक्सपर्ट कोरोना के हल्के लक्षणों वाले लोगों को होम आइसोलेशन की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि एक व्यक्ति को होम आइसोलेशन में कब तक रखा जाए? इस सवाल का जवाब शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिया.
सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर दस दिन होम आइसोलेशन में रहने के बाद मरीज (संक्रमित व्यक्ति) में कोई लक्षण नहीं हैं और तीन दिनों से बुखार नहीं है, तो होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर होम आइसोलेशन पीरियड खत्म हो जाता है, तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. एम्स डायरेक्टर ने कहा कि रेमडेसिविर का इस्तेमाल बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करनी चाहिए और इसका इस्तेमाल सिर्फ अस्पतालों में किया जाना चाहिए.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इस तरह की प्रतिक्रियाएं देखते हैं कि 'कोरोना एक घोटाला है, मुझे मास्क की जरूरत नहीं है, इसके आगे भी जिंदगी है'; इस तरह की बातों पर बिल्कुल ध्यान मत दीजिए और नियमों का पालन कीजिए क्योंकि हम थक सकते हैं, लेकिन वायरस नहीं थकता है.
दूसरी ओर देश में कोरोना की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 14 दिनों में संक्रमण बढ़ने की रफ्तार चिंताजनक है. कर्नाटक, केरल, बंगाल, तमिलनाडु, गोवा, ओडिशा में ना केवल कोरोना चरम पर है, बल्कि वहां कोविड-19 के मामलों में भी बढ़ोतरी का ग्राफ ऊपर की तरफ है. वहीं, कोविड-19 की दूसरी लहर राजस्थान, उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में पांच गुना ज्यादा चरम पर, छत्तीसगढ़ में 4.5 गुना और दिल्ली में 3.3 गुना ज्यादा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना से 50 फीसदी मौतें तीन राज्यों में दर्ज की जा रही हैं. ये राज्य दिल्ली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत का ऑडिट करने को कहा है. इसमें प्राइवेट अस्पताल भी शामिल हैं.