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मेरी आँखों में तिरे प्यार का आँसू आए कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तिरी ख़ुशबू आए : बशीर बद्र

मेरी आँखों में तिरे प्यार का आँसू आए कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तिरी ख़ुशबू आए वक़्त-ए-रुख़्सत कहीं तारे कहीं जुगन…

मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी : साहिर लुधियानवी

मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी शर्मा के मुँह न फेर नज़र के सवाल पर लात…

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है रूह गंगा की हिमाला का बदन आज़ाद है : साहिर लुधियानवी

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है रूह गंगा की हिमाला का बदन आज़ाद है खेतियाँ सोना उगाएँ वादियाँ मोती लुटाए…

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